Ad

10th Hindi Second Terminal Exam 2022 Question answers

 Matric 10th Hindi Second Terminal Exam 2022 Question Paper and answers


10th Hindi Second Terminal Exam 2022 Question Paper



BSEB Class 10th Second Terminal Exam Hindi Objective Answer Key------ 


Q.N. ANS Q.N. ANS Q.N. ANS Q.N. ANS

1. A    16.B          31.B         46.A      

2.  B      17.C         32.C        47.B

3.   B     18.A          33.B         48.B

4.   B      19.D         34.D         49.A

5.    D      20.C        35. B         50.A 

6.  C        21.B         36. B         51. A

7.   D       22.B          37.B         52.A

8. C         23.C         38.C         53. A

9. B        24. B        39.C           54.C 

10.B      25.C          40. D          55.A 

11. C        26. A         41. B         56. A

12. D        27. C         42. B          57. B

13. A        28. B         43.A           58. B

14.C         29. C          44. C          59.D 

15. D        30. A          45. C          60. A




10th Second Terminal Exam Hindi Subjective Question answers

सब्जेक्टिव प्रश्न का उत्तर नीचे दिया गया है

नोट- यह प्रश्नपत्र और उत्तर मैट्रिक के द्वितीय सावधिक परीक्षा का है । Hindi Question Paper answKey---


(खण्ड-ब)

(Q.1) क-गधांश 

(Q.1.क) i) उत्तर - महात्मा गांधी के अनुसार जो काम नहीं करता वो पापी है।

(Q.1. क) ii) उत्तर - अपने कार्य की सफलता के लिये दूसरे के मुह की तरफ भिखारीपन है|



www.information1008.blogspot.com



(Q.1. क) iii) उत्तर - स्वयं के परिश्रम पर विश्वास करनेवाला व्यक्ति कभी ईर्ष्यालु नहीं बन सकता और वह व्यक्ति सुबह तारे के समान समाज में प्रकाश फैलाने वाला बन रहा है।


(Q.1. क) iv) उत्तर – ऋषि-मुनियों ने कहा है बिना श्रम किए जो भोजन करता है वह चोर है ।


(Q.1. क) v) उत्तर - गांधी जी के अनुसार प्रत्येक देसवाशी को अपने कार्य के लिये आत्मनिर्भर बनना चाहिए। और स्वयं उत्पादनकर्ता होना चाहिए।


(Q. 1) ख-गधांश 

(Q. 1. ख) i)उत्तर - वाणी द्वारा अच्छे विचार प्रकट करना, दूसरे की गुणों की प्रशांश करना, मधुर वचन बोलना इत्यादिको लेखक ने जीभ का अमृत कहा है।


(Q. 1. ख) ii) उत्तर - लेखक ने दूसरे की नींदा करने को विष कहा है ।


(Q. 1. ख) iii) उत्तर - पारस्परिक एक दुसरे से संबंधित 

बोलने वाला।

(Q.1. ख) iv) उत्तर - ईश्वर ने बहुत हीं चिंतन करके प्राणीयों के शरीर के अंगों की की रचना की।



(Q. 2) i)उत्तर -अस्पताल में मंगु भर्ती की जाती है उस 

अस्पताल के कर्मचारी संवेदनशील है। उनका काम ही है मरीजो की सेवा करना और उनके साथ अच्छे व्यवहार करना। अस्पताल वाले चाहते हैं कि मंगु की माँ घर चली जाए और उनकी बेटी को अच्छे से इलाज किया जा सके। परन्तु मंगु की माँ मन ही मन सोचती हैं कि पागल का ऐसा स्वजन अभी तक नहीं आया है। एक अधेड़ परिचारिका उसे अपनी बेटी समझने लगती है और उसका इलाज करती है।


(Q.2) ii) उत्तर - लक्ष्मी एक दीन महिला थी जिसके पति कलकत्ता में रहकर नौकरी करता था। वह जो पैसा भेजता था, उससे बच्चों के साथ लक्ष्मी का भरण-पोषण संभव नहीं था। उसके पास मात्र एक बीघा भूखंड था प्रकृति के प्रकोप के कारण उसमें हल चलवाने के पैसे भी बेकार जाते थे।



(Q.2) iii) उत्तर -रंगप्पा गाँव का लंपट और जुआड़ी था। वह

मंगग्मा से धन चाहता था। इतना ही नहीं वह मंगग्मा के अनाथ समझकर उसकी इजत भी लूटना चाहत था!


(Q.2) iv) उत्तर - भारत को अंग्रेजों ने गुलामी की जंजीर में जकड़कर रखा था। परतंत्रता की बेड़ी में जकड़ी, काल के कुचक्र में फंसी विवश, भारतमाता चुपचाप अपने पुत्रों पर किये गये अत्याचार को देख रही थी। इसलिए कवि ने परतंत्रता को दर्शाते हए मुखरित किया है कि भारतमाता अप घर में प्रवासिनी बनी है। 


(Q. 2) v) उत्तर - कवि स के किस वर्ग की आलोचना करता है और क्यों? उत्तर - कवि समाज के उस वर्ग की आलोचना करता है जो साम्राज्यवादी तथा सामंतवादी विचार के हैं। साथ ही, वैसे लोग अर्थात् उच्च जो अपनी संस्कृति, भाषा, व्यवहार आदि को विदेशी चमक-दमक की चकाचौंध में त्याग दिया है।


(Q.4) उत्तर

पटेल नगर, पटना। 14-1-20..... आदरणीय भैयाजी, सादर प्रणाम !


मैं कुशलपूर्वक रहते हुए आशा करता हूँ कि आप भी घर पर सकुशल होंगी। मैंने नववर्ष खुशीपूर्वक अपने दोस्तों के साथ मनाया। नववर्ष के दिन हमलोग राजगीर अपने दोस्तों के साथ चले गये थे। राजगृह एक ऐतिहासिक जगह है। वहाँ मैंने ब्रह्मकुंड में स्नान किया। दर्शनीय स्थानों को हमलोगों ने देखा

राजगीर में हमलोगों ने पिकनिक मनाया। शाम को हमलोग अपने दोस्तों के साथ लौटकर पटना आ गये। बड़ों को प्रणाम तथा छोटों को शुभ प्यार ।।   

                     आपका आनन्द 


(Q.5) उत्तर

प्रश्न 2. स्वर्ण शस्य पर-पद- सुठित, धरती-सा सहिष्णु मन कुंठित'की व्याख्या करें।

उत्तर - प्रस्तुत पंक्ति हिन्दी साहित्य के सुमित्रानंदन पंत रचित 'भारतमाता' पाठ से उद्धृत है। इसमें कवि ने परतंत्र भारत का साकार चित्रण किया है। प्रस्तुत व्याख्येय में कवि ने कहा है कि भारत पर अंग्रेजी हुकूमत कायम हो गयी है। यहाँ के लोग अपने ही घर में अधिकारविहीन हो गये हैं। पराधीनता के चलते यहाँ की प्राकृतिक शोभा भी उदासीन प्रतीत हो रही है। ऐसा प्रतीत होता है कि यहाँ कवि की स्वर्णिम फसल पैरों तले रौंद दी गयी है और भारतमाता का मन सहनशील बनकर कठित हो रही है। इसमें कवि ने पराधीन भारत की कल्पना को मूर्तरूप दिया है|





Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.