dr. Apj abdul kalam ke jivan ka parichay
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January 29, 2022
dr.apj abdul kalam का पूरा नाम avul pakir jainolabdeen abdul kalam था उनका जन्म 15 october 1931 मे rameshwaram मे हुआ था dr. apj abdul kalam का जन्म tamil muslim परिवार मे हुआ था उनके पिता का नाम jainulabudeen था उनके पिता एक मसजिद के इमाम और एक कश्ती के मालिक थे उनकी माँ एक housewife थी उनका नाम ashiamma था उनके पिता के पास जो नौका थी उससे वे हिंदू को रामेश्वरम से धनुष कौड़ी से वापस रामेश्वरम ले जाते थे dr apj abdul kalam के 3 भाई थे और एक बहन थी वे अपने तीनो भाई को बहुत प्यार करते थे और पूरे जीवन मे थोड़ा थोड़ा पैसा भेजते हे क्लाम सरल जीवन अपनो के लिए जाने जाते थे उन्होने कभी नही टी वी खरीदा क्लाम रोज सुबह 6:30-7:00 तक उठना और रात 2 बजे तक सेने की धर्म उनके लिए बहुत माइने रखती थी यहाँ तक कि उन्होने एक किताब भी लीखा transcendence क्लाम के पूवर्ज काफी अमीर थे उनके पास कई एकर जमीन थी जब पम्पन पुल का निर्मान हुआ तब उनके परिवार ने लोगो को लाने और ले जाने का कारोबार खो दिया पुल की वजह से लोगो को नाव की जरूरत नही रहि कारोबार तो खत्म हुआ ही लेकिन उनके जमीन भी धीरे धीरे खत्म हो गया क्लाम के जन्म होने पर उनका परिवार पूरी तरह से गरीब हो चुका था क्लाम को छोटी उम्र मे ही अखबार देने जाना पड़ा जब वो स्कूल गए तब उनके नम्बर समान आते थे लेकिन उनके शिक्षक ने उनको मेहनती और गज़ब छात्र माना गया उनका हमेशा चाहत थी पढने कि वो हमेशा गणित पर घंटे काम करते थे schwartz higher secondaryschool मे उनके पढ़ाई होने के बाद tiruchirapalli चले गए जहा पर उन्होने सेन्ट जूस्चर कॉलेज मे नामांकन किए और वे 1954मे physice के ग्रेवोजट बने 1955 मे मद्रास चले गए फिर aerospace engineering madras institute of technology से की जब वे प्रोजैक्ट पर काम कर रहे थे तब उनके कॉलेज के अध्ययछ ने उनकी प्रगति देखि पर वह प्रवाहित नही होए फिर उनके क्लाम को बुलाया और बोला अगर तुम तीन दिनो मे प्रोजैक्ट पुरा नही कि तो तुम्हारा scholarship वाप्ष ले ली जाएगी क्लाम को indian air पेस्ट join करनी की बहुत इच्छा थी पर वे सिर्फ एक पेचिशन से रह गये उनका स्थान 9th position पर थे और सिर्फ 8 position खाली थी madras institute of technology से 1960 मे पढ़ाई पुरा करने के बाद क्लाम ओअरो नोटिकल डोपलम्बर स्टेटडीपल्मर के साथ जुड गए और वही पर वह एक साइन्टेस्ट के रूप मे join किया उन्होने एक छोटे air क्राफ्ट के डिजाइन से शुरू किया क्लाम incospar commitee मे भी शामिल थे जहाँ उन्होने vikramsarabhai के अधीन काम किया vikramsarabhai एक बहुत जाने माने बेस्ट साइन्टेस्ट थे फिर 1969 मे क्लाम को इसरो मे उनका तबादला हो गया इसके बाद वे india's first सेटलाइट को लांच किया slb3 मे प्रोजेक्ट डाइक्टर थे इस वहीकल मे रोहनी सेटलाइट को धरती ओरफित मे रहा फिर क्लाम ने एक्सपांडवल रोकेट पर अकेले ही काम करने लगे लेकिन 1969 मे भारत सरकार नेउनके प्रोजेक्ट को
approved देदिया और कहाँ कि उनके प्रोजेक्ट पर एक टीम बनाई जाए 1963 मे वे nasa रिसरज सेन्टर मे भी गए राजा रामनना ने क्लाम को बुलाया भारत का पहला परमाणु परिक्षण समाइनिग बुद्ध को देखने के लिए क्लाम ने प्रोजेक्ट डोबल और प्रोजेक्ट valiant पर भी काम किया और इन प्रोजेक्ट उन्होने बेलस्टिक मीसाइल भी बनाई यूनियन कोबिट ने अनुमति नही दी लेकिन प्रधानमंत्री इंदरा गाँधी ने गुप्त रूप से धन दिया ताकि धन की कमी नही हो फिर क्लाम ने यूनियन कोबिट को भी गुप्त प्रोजेक्ट के बारे मे बता दिया और इनका महत्वपूर्णता समझाई इन सब चीजो ने क्लाम का नाम बहुत उच्चा कर दिया ईसलिए भारत सरकार ने उनको उच्चा मीसाइल program's चालू करने को बोला काफी सारे मीसाइल बनाने program मे भीगा दार रहने की वजह से उनको the missile man of india भी कहा जाता है अग्नि मिसाइल और पृथ्वी मिसाइल को बनाने मे क्लाम का बहुत पड़ा योगदान था पृथ्वी और अग्नि मिसाइल बहुत आलोचना हुई क्योकि उनको बनाने मे काफी समय और पैसा लगा और इसका मेनजमेन्ट ठीक से नही हुई 1992-1999 तक वह चीफ साइन्टेफ़ीक एडीभाइजर रहे और इस दौरान पोखरन 2 नीयूक्लीन का परीक्षनने क्लाम का नाम काफी उच्चा कर दिया लेकिन साइन के डाइक्टर के सथनम ने कहाँ thermonuclear bomb का परीक्षन मे आवश्यक परिनाम नही दे पाया और ये एक असफल घटना थी और उन्होने क्लाम की आलोचना कि और कहाँ कि जो उन्होने रिपोट दि है वे गलत है लेकिन फिर चिलफरम और क्लाम दोनो ने इस बात को खारिज कर दिया फिर क्लाम की चिदगी मे बहुत बड़ा मोड़ आया 10 june 2002 को national democraticalliance ने क्लाम को राष्टीपति केलिए नोमानेट किया समाज वादी पार्टी और नेस्नल कॉग्रेस पार्टी दोनो ने इस बात का समर्थन किया और फिर भारत के 11वे राष्टीपति बने 2002 मे चुनाव हुआ और क्लाम ने विशाल जीत हासील की उनको 922884लाख से भी ज्यादा वेट मीली और उनके विरोधी लक्ष्मी सोगल को107366 वेट ही मील पाए ये जीत बहुत बड़ी जीत थी क्लाम को भारत का सबसे बड़ा सीबलियन समान भी दिया गया भारत रत्न के साथ साथ पदम विभूष्न और पदम भूष्न से समानित किया गया जब तक वो पीरसेडेन्ट बने रहे तब तक वो लोगो के पीरसेडेन्ट के नाम से भी प्रचारित हुआ उनके 5 वर्ष राष्टीपति खत्म हो गए तब उन्होने अपना वाप्ष राष्टीपति बनने की इच्छा प्रकट की लेकिन ये बोलने के दो दिन बाद उन्होने फैसला लिया कि वे पीरसेडेन्ट इलोक्सन मे खड़े नही होगो इसका बाद shillong,indore ahmedabad के iim के visiting professor बन गए indian इंस्टयूट of स्पेस साइंस टेक्नलोजी त्रिवन्फपुरम चानसलर बने और anna university मे एररोस्पेस engineering professor बने और भी कई इंस्टयूट join किए 2012मे भारत के जवान लोगो के लिए उसने एक program बनाया जिसका नाम what can i give movement ये program फरस्टा चार को खत्म करनेके लिए था क्लाम ने अपना काफी सारी book भी लिखा जिसका नाम india2020,wingsoffire,ignited minds ये सारी book populer हुई 27th july 2015 मे क्लाम siriलोंग चले गए जहाँ पर उसने creating a livable planet carth पर लेक्चर देना था ये लेक्चर iim shillong मे देना था जब वह सीढ़ि चढ़ रहे थे तब उनको कुछ बेचैनी हो रहि थी और स्टेज पर जाने उन्होने के बाद थोड़ा आराम किया 6:35 मिनट पर लेक्चर शुरू हुए 5 मिनट ही हुए थे कि वे गिर पड़े फिर पेथनी bethang hospital मे भरती कराया फिर 7:45 मिनट पर दुनिया छेड़ कर चले गये उन्होने आखरी शब्द ऋी जनपान्डे को कहां funny guy! are you doing well
thanks.......................